High Court : अगर आप भी सरकारी नौकरी करते हैं या प्राइवेट नौकरी करते हैं तो आप सभी लोगों के लिए बहुत ही बड़ी खबर निकलकर आ रहा है। ऐसे में यह खबर आप सभी लोगों को पढ़ना बहुत ही जरूरी हो जाता है। आईए जानते हैं नीचे की लेख में पूरी जानकारी विस्तार से।
बता दे कि दिल्ली हाईकोर्ट ने नौकरी छोड़ने के बाद कर्मचारियों की करियर ऑप्शन रोकने वाले कॉन्ट्रैक्ट क्लॉज़ को भारतीय कानून के खिलाफ बताए हैं। वही कोर्ट ने स्पष्ट रूप से कह दिए हैं कि कोई कर्मचारी ऐसी स्थिति में नहीं डाला जा सकता है जहां उसे या तो पुरानी कंपनी में काम करना होगा। या बेरोजगार रहना पड़ेगा वहीं दिल्ली हाईकोर्ट ने गए हैं कि नकारात्मक या या प्रतिबंधात्मक शर्तें नौकरी के कॉन्ट्रैक्ट में एक तरफ लाभदायक है वही खासकर कंपनी के लिए वही अक्षर कर्मचारी कॉलेज मानना या नौकरी छोड़ना ही होता है।
वहीं पर या प्रोफेशन पर कोई भी रोक सेक्शन 27 के तहत अमान्य होते हैं। वही कोर्ट ने स्पष्ट रूप से कह दिए हैं कि अनुबंध की धारा 27 के खिलाफ किसी भी तरह की नौकरी पर रोक लगाने अनुबंध के खिलाफ है।
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ऐसे में सिर्फ इसीलिए की एक कर्मचारी ने पहले संवेदनशील जानकारी के साथ काम किए हैं। वही उसे अन्य काम करने से नहीं रोका जा सकता है। बता दे की कंपनी गोपनीयता का बहाना करके अपने कर्मचारियों को बाधक बना नहीं सकते। वहीं कर्मचारियों का मूल्य अधिकार नौकरी बदलने और बेहतर सेवा शर्तों की तलाश करना।
High Court : गैर – काम शर्त क्या है
बता दे की नौकरी छोड़ने के बाद एक कर्मचारी को एक निश्चित समय तक इस क्षेत्र या प्रतिस्पर्धी कंपनी में काम नहीं करने की अनुमति दिए जाते हैं वहीं इसे गैर काम शर्तें कहते हैं। वही यह शर्तें अक्सर जॉइनिंग समझौते में होते हैं।
वहीं HR पॉलिसी अब बदलनी चाहिए व्यापारिक गोपनीयता और विश्वसनियता को सुरक्षित रखें वही व्यापक श्रम प्रतिबद्ध न लगे।
यह निर्णय हजारों प्रोफेशनल्स को देता है बड़ी राहत
हजारों प्रोफेशनल्स को बड़ी राहत देता है जिन्हें सिर्फ इसीलिए नौकरी बदलने से रोका गया था। क्योंकि उन्होंने गैर – कंपीट क्लॉज़ पर साइन किए थे।
वही दिल्ली हाई कोर्ट की इस ऐतिहासिक निर्णय से स्पष्ट हो गया है कि भारत में कोई भी समझौता ऐसा नहीं हो सकता है। जो किसी व्यक्ति को अपनी नौकरी छोड़ने के बाद काम करने से रोक दे। वही यह वर्क प्लेस में अधिकार और संतुलन के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है।